पान खाने के फायदे
इसमें पाए जाने वाले तमाम औषधीय गुणों के आधार पर आप कह सकते हैं कि यह एक अद्भुत जड़ी-बूटी है. जिसमें विटामिन सी, प्रोटीन और बहुत सारे लाभदायक पदार्थों की मौजूदगी होती है. सभी जरूरी प्रदार्थों की मौजूदगी के कारण अनेक प्रकार के रोगों में पान के पत्ते के फायदे काफी अधिक होते है, जो इस प्रकार है:
सर्दी खांसी में - सर्दी खांसी के दौरान छाती और फेफड़ों में परेशानी होने लगती है. इस दौरान कई बार श्वसन से संबंधित समस्याएं भी हो सकती है. इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए आप पान के पत्ते पर सरसों का तेल लगाकर इसे गर्म करने के बाद, ग्रसित व्यक्ति की छाती पर रख सकते हैं. ऐसा करने से सर्दी खांसी में काफी राहत मिल सकती है.
ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में - शुगर जैसी महत्वपूर्ण बीमारियों में भी पान के पत्तों की सकारात्मक भूमिका होती है. दरअसल पान की पत्तियां ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित कर सकती हैं. यदि आप पान की पत्तियों का अर्क नियमित रूप से लें, तो इसमें मौजूद एंटी डायबिटिक गुण आपके ब्लड शुगर के लेवल को कम कर सकते हैं.
मूत्रवर्धक के रूप में - पान की पत्तियों को पीसकर उसे निकाला हुआ रस और इसमें थोड़ा पतला दूध मिलाकर सेवन करने से शरीर में पानी की अवधारण क्षमता में सुधार आता है. ऐसा करने से पेशाब की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को काफी राहत मिलती है. इसलिए पान के पत्तों को एक अच्छा मूत्रवर्धक भी माना जाता है.
भूख को बढ़ाने में - भूख से संबंधित समस्याओं या पेट खराब होने की स्थिति में पान के पत्ते के फायदे भी देखे जाते है. दरअसल, पान के पत्ते भूख लगने वाले हार्मोन को ट्रिगर कर करने में सक्षम होते हैं. जिससे कि आपकी भूख न लगने की समस्या दूर होती है. साथ ही पान के पत्ते आपके पेट से तमाम विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर आपकी भूख बढ़ाने में मदद करते है.
पाचन से संबंधित समस्याओं में - पान के पत्ते चबाने से आपकी लार ग्रंथि सक्रियता में सुधार होता है. इसलिए अब जब भी आप कुछ खाते हैं तो उसमें ज्यादा से ज्यादा मात्रा में लार मिल पाता है. जिससे कि लार में पाए जाने वाले एंजाइम खाद्य पदार्थों को अच्छे से तोड़ पाते हैं इस वजह से पाचन बहुत आसान हो जाता है.
गैस की समस्या में - आज की तारीख में गैस्ट्रिक संबंधित परेशानियां कई लोगों में देखी जाती है. यह परेशानियां पाचन से संबंधित समस्याओं के कारण भी हो सकती हैं. पान के पत्ते नियमित सेवन करने से एसिडिटी की समस्या में राहत मिलती है. जिससे कि आपकी गैस्ट्रिक की समस्या काफी हद तक दूर हो जाती है.
घाव के उपचार में - कटने, छिलने आदि घाव पर पान की पत्तियों का रस निकालकर लगाने से घाव में संक्रमण नही होता है क्योंकि पान के पत्तों में घाव और संक्रमण को दूर करने के गुण पाए जाते हैं. आप इसे प्रभावित क्षेत्रों में लगा कर इसे किसी कपड़े से बांध लें. यह विनाशकारी रोगाणुओं के विकास को भी बाधित करता है.
मुहांसों को दूर करने में - पान के पत्ते में रोगाणुरोधी गुण पाए जाते हैं इस वजह से पान के पत्ते मुहांसे, ब्लैक स्पॉट, खुजली, एलर्जी आदि समस्याओं का इलाज करने में सक्षम होते हैं. पान की पत्तियों के रस में हल्दी मिलाकर मुंहासों पर या एलर्जी वाले स्थानों पर लगाने से यह समस्या खत्म होती है. यही नहीं पान के पत्ते का रोगाणुरोधी गुण आपकी त्वचा को संक्रमण से भी बचाता है.
मुंह की समस्या व मसूड़ों के लिए - पान के पत्तों को चबाने से आपके मुंह में स्थित तमाम जीवाणु जो कि आपके लिए हानिकारक हो सकते हैं, खत्म होते हैं. इस तरह से पान के पत्ते चबाने से आपका मुंह साफ होता है, मसूड़ों को भी मजबूती मिलती है. पान के पत्ते अक्सर मुंह में होने वाले रक्त स्राव को भी रोक सकते हैं.
बालों के लिए पान के पत्ते का इस्तेमाल - बालों से जुड़ी समस्याओं की बात करें तो पान के पत्ते का उपयोग बालों के झड़ने से संबंधित मुद्दों के लिए किया जाता है. इसके लिए आपको पान के पत्ते को पीसकर इसे नारियल तेल के साथ मिलाकर पेस्ट बनाना होगा, फिर इसे अपने स्कैल्प पर लगाया जा सकता है.
कब्ज के लिए - पान के पत्ते का नियमित रूप से सेवन करने पर पाचन में सहायता मिलती है क्योंकि यह एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते है जो हमारे शरीर से फ्री रेडिकल को दूर करते है और शरीर में पीएच लेवल को सामान्य करते है. इसका सेवन करने के लिए इसकी पत्तियों को मैश कर लें और रातभर के लिए पानी में रखें. अगली सुबह इसी पानी का सेवन करने से कब्ज से राहत मिलती है.